1985 में भारत सरकार के उपक्रम सी. एम. सी. लिमिटेड ने “लिपि” नामक बहुभाषी शब्द संसाधक बनाया, जिसके द्वारा तीन भाषाओं, हिन्दी, अंग्रेजी और किसी अन्य भारतीय भाषा में शब्द संसाधन का कार्य किया जा सकता था।
बाद में कई कंपनियों के द्विभाषी या त्रिभाषी शब्द संसाधन पैकेज आए जैसे सॉफ़्टेक कंपनी का ‘अक्षर’, टाटा कंसल्टेंसी सर्विस का ‘शब्दमाला’, हिन्दी ट्रोन का ‘आलेख’, सोनाटा का ‘मल्टीवर्ड’, काल्स का ‘सुलेख’, एस.आर.जी. का ‘शब्दरत्न’ आदि।
कुछ अन्य बहुभाषी शब्दसंसाधक इस प्रकार हैं : आइलिप सॉफ्टवेयर, देशिका सॉफ़्टवेयर पैकेज, अक्षर फ़ॉर विंडोज (एएफडब्ल्यू) आदि।