हिंदी दिवस पर कविता : संस्कृत की लाड़ली बेटी महान है हिंदी

डॉ. अंजना चक्रपाणि मिश्र
भारतीय अधरों का... गौरव और मान है हिंदी,
भारत की प्रमुख पहचान और सम्मान है हिंदी !
 
फ़ारसी से उपजी,संस्कृत की लाड़ली बेटी महान है हिंदी,
भारत की मुख्य भाषा और अभिमान है हिंदी !
 
देश की रीढ़ और जिह्वा-जिह्वा का गान है हिंदी,
मुख से उच्चरित मां वागेश्वरी का आह्वान है हिंदी!
 
अपने घर जैसा विश्राम और सुख निधान है हिंदी,
पश्चिम में भी अपनी पुरबिया गुणगान है हिंदी!
 
ग्यारह स्वरों व तैंतीस व्यंजनों का सुंदर आख्यान है हिंदी,
सहज,सरल सौभाग्य सूचक भाषा का वरदान है हिंदी !  
 
स्वयं मैं ही-
डॉ.अंजना चक्रपाणि मिश्र

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