हिन्‍दी निबंध - 26 जनवरी

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लोकतंत्र की उपलब्धि गर्व करने लायक

भारत मजबूत लोकतंत्र है। यह गर्व करने लायक उपलब्धि है। बहुत सारे विदेशी प्रेक्षकों का मानना था कि भारत एक देश के रूप में ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा या भाषायी समूह अपने अलग राष्ट्र की मांग करेगा और उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। परंतु यह सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुई हैं।

आजादी से अब तक 13 आम चुनाव हो चुके हैं और राज्यों तथा स्थानीय निकायों के लिए सैकड़ों चुनाव हो चुके हैं। हमारे यहां स्वतंत्र प्रेस है और एक स्वतंत्र न्यायपालिका है। लेकिन बात पूरी तरह से इतराने की नहीं है।

स्वतंत्रता के समय तय की गई कसौटियों के हिसाब से देखें तो भारतीय गणतंत्र बहुत बड़ी सफलता का दावा नहीं कर सकता। लेकिन यह भी सच है कि वह विफल नहीं हुआ है।

 
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आज हमारे देश के सामने कई समस्याएं हैं। उनमें से बड़ी है बेरोजगारी की समस्या। बेरोजगारी के कारण देश के युवकों-युवतियों में भारी असंतोष और बेचैनी पाई जाती है। देश की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाए। यही नहीं जनसंख्या पर नियंत्रण भी इस समाधान में बड़ी सहायता कर सकती हैं।

भ्रष्टाचार - सहानुभूति एवं भ्रष्टाचार की समस्या भी बड़ी है। भ्रष्टाचार मानव को अपने पंजे में दबोच रहा है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए समाज में पुनः नैतिक मूल्यों की स्थापना करनी होगी। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर दण्ड व्यवस्था होनी चाहिए।

महंगाई - महंगाई ने भी आम आदमी की कमर तोड़ दी है। काला-बाजारी तथा जमाखोरी से महंगाई बढ़ती है। पॉकेटमारी, चोरी तथा डकैती जैसी घटनाओं में वृद्धि का कारण नैतिक मूल्यों में गिरावट ही है जो महंगाई से पनपती है। तमाम समस्याओं के बावजूद हमने कई दिशाओं में तरक्की भी की है। आज का युग विज्ञान के चमत्कारी आविष्कारों का युग है।

- दीप्ति (कक्षा 8)

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