प्रस्तावना : हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते हैं। डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही खत्म हुई।
इतिहास : 26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और चूंकि यह दिन किसी विशेष धर्म, जाति या संप्रदाय से न जुड़कर राष्ट्रीयता से जुड़ा है, इसलिए देश का हर बाशिंदा इसे राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है।
गणतंत्र दिवस के आयोजन : भारत की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर विशेष आयोजन होते हैं। देश के प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर शहीद ज्योति का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं। इस दिन विशेष रूप से दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती है, जिसमें देश और विदेश के गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है।
इस परेड में तीनों सेना के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है एवं सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है एवं परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है।
गणतंत्र दिवस के दिन खास तौर से सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में इस दिन ध्वजारोहण, झंडा वंदन करने के पश्चात राष्ट्रगान जन-गन-मन का गायन होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। देशभक्ति गीत, भाषण, चित्रकला एवं अन्य प्रतियोगिताओं के साथ ही देश के वीर सपूतों को याद भी किया जाता है और वंदे मातरम, जय हिन्दी, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।
उपसंहार : स्कूल, कॉलेजों में विद्यार्थी नृत्य, गायन, परेड, खेल, नाटक, भाषण, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करके उनके किरदार निभाकर उनके संदेश को आमजन तक पहुंचाते हुए इस उत्सव को मनाते है। गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और प्रत्येक भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है।
बच्चों में इस दिन को लेकर बेहद उत्साह होता है। इस दिन आयोजित कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण भी किया जाता है और मिठाई वितरण भी विशेष रूप से होता है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश में शांति बनाए रखते तथा भारत को विकसित बनाने की प्रतिज्ञा लेकर उस पर अमल करना चाहिए।