शीला (मां चमेली से)- मां, मैं प्रेमसुख से शादी नहीं करूंगी। चमेली - क्यों बेटी, क्या तेरी नजर में कोई और है? शीला - हां मां! लेकिन अभी फैसला नहीं किया है। चमेली - क्या कोई परेशानी है? शीला - हां! मेरे प्रेमी को तो स्वर्ग-नरक में विश्वास नहीं है। चमेली - तू घबरा मत बेटी, पहले उससे शादी तो कर लें। उसके बाद स्वर्ग-नरक में विश्वास उसे अपने आप ही हो जाएगा।