चायवाले का चटपटा चुटकुला मजेदार है...

एक बार एक ओवरएज युवा अपनी पत्नी को लेने ससुराल जा रहा था, 
रास्ते में चायवाले के पास चाय पीने रुक गया...
 
चायवाला - कहाँ जा रहे हो ?
 
ओवरएज युवा - अपनी पत्नी को लेने ससुराल जा रहा हूँ। 
 
चायवाला - अब कोई फायदा नहीं हैं वहां जाने का।
 
ओवरएज युवा  - क्यों ? 
 
चायवाला - क्योंकि, वो तो विधवा हो गई है। 
 
ओवरएज युवा रास्ते से ही अपने गांव वापस आ गया
 
युवा की माँ - खाली हाथ कैसे आया है... बहू को कहाँ छोड़ कर आ गया ? 
 
ओवरएज युवा  - माँ... चायवाले ने कहा कि वो तो विधवा हो गई, इसलिये लाया ही नहीं। 
 
माँ -  अरे....तेरे जिंदा रहते वो विधवा कैसे हो सकती है ?
 
युवक - माँ....मेरे जिंदा रहते, तू भी तो विधवा हो गई। 
 
माँ -  नालायक...मैं तो विधवा इसलिए हो गई थी क्योंकि तेरे पिता नहीं रहे....
 
युवक -  - तो शायद उसके भी पिता नहीं रहे होंगे...
 
माँ : बेटा तुझे कितनी बार समझाया है...उस चायवाले से मत उलझा कर...
 
(इस जोक का कोई पोलिटिकल कनेक्शन नहीं है) 

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