जब राकेस भीया की गली के नोरतै में तू भंडारे की
पेली पंगत जीम री थी,
सई केऊ तो तब सेयी तू मेरे दिल मे बैठ गयी थी,
परोसगारी हमेसा मुझे मगजमारी लगती थी पर उस दिन सिरिप तेरे वास्ते मेने
पूड़ी का धामा तौका था, मेको नी पता था कि वो पंगत अपन को यू मिला देगी।
ओर वो
तेरा टेडी मुंडी करके सेल्फी हिंचना,
वो गुरु किरपा की लाइन में खड़े रेना,
तू मेरी जिंदगी में नि आती तो मेरी जिंदगी तो बिना सेव के पोए जैसी हो