इन्दौरी होने का सौभाग्य बहुत कम लोगों के नसीब में है।
हुकुमचंद पुराण के पेड़ा खंड के अनुसार जो व्यक्ति पिछले जन्म में घर आए मेहमान का स्वागत पोहे और जलेबी से करते हैं, उन्हें इंदौर में पैदा होने का सौभाग्य मिलता है।
धैर्य और दृढ़ निश्चय के धनी इंदौरी 45 डिग्री की गर्मी से लेकर 5 डिग्री की ठंड तक में अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होते। भीषण गर्मी में भी हम दृढ़प्रतिज्ञ सज्जन कचोरी, समोसे और पेटिस की कढ़ाई के पास उतनी ही दृढ़ता से खड़े रहते हैं, जितनी दृढ़ता से रावण की सभा में अंगद खड़ा था।