बराती हो या घराती : कोरोना काल की पार्ट‍ी का मजेदार जोक

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कल पड़ोस में एक दावत थी पता नही किसकी थी।
 
देख कर खाने का मन करने लगा बस ड्रेस पहनी और पहुंच गए खाने।
 
दावत उड़ाई, खाकर निकलने ही वाली थी कि किसी को शक हो गया पकड़ लिया पूछने लगे बराती हो या घराती।
 
मैंने कहा :  मैं एक टीचर हूं इस बार हमारी डयूटी सरकार ने आदमी की गिनती करने में लगा दी है।
 
कहा है कोरोना काल में 100 से अधिक होने पर तुरंत ऊपर के अधिकारी को बताए। 
 
सुनकर सभी ने काफी सम्मान किया और आते समय मिठाई का डिब्बा भी दिया।
 

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