पड़ोसी

ND

एक बार शायर का पुत्र लँगड़ाकर चल रहा था।

वह पडो़सी दोस्त से बोला- मेरे कानपुरी जूते बहुत काटते है।

पड़ोसी बोला- अच्छा ‍तो अब्बाजान लाएँ होंगे जब वे मुशायरे में गए होंगे।

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