माधवी श्री
अभी हाल में चित्रकूट जाने का मौका मिला। अवसर था, दीनदयाल उपध्याय और नाना जी देशमुख की जन्म शतब्दी। कोलकाता में जो पैदा हुए और पढ़े लिखे हैं, उनके लिए नाना जी देशमुख का नाम बिलकुल नया सा है। प.दीनदयाल जी के बारे में मैंने पहले सुना था। बहरहाल जब "ग्रामोदय मेला" में मेरा चित्रकूट जाना हुआ, तो कुछ खट्टे-कुछ मीठे अनुभव मुझे हुए।