21 अगस्त को इस्मत चुगताई का जन्मदिन मनाया जाता है।
भारतीय साहित्य का चर्चित नाम।
ismat chugtai : इस्मत चुगताई को भला कौन नहीं जानता, इस्मत चुगताई एक ऐसा नाम जो सिर्फ उर्दू ही नहीं भारतीय साहित्य में भी बहुत चर्चित और सशक्त कहानीकार के रूप में विख्यात हैं। आज, 21 अगस्त को इस्मत चुगताई का जन्मदिन है।
आइए जानते हैं उनके बारे में...
1. इस्मत चुगताई का जन्म 21 अगस्त 1915 में उतर प्रदेश के शहर बदायूं में हुआ था। उनका बचपन जोधपुर में बीता, जहां उनके पिता एक सिविल सेवक के रूप में कार्यरत थे। वे दस भाई-बहन थे, जिनमें छ: पुत्र और चार पुत्रियां थीं, जिनमें इस्मत चुगताई नौवीं संतान थीं।
2. आज से करीब 70 वर्ष पहले उन्होंने ही महिलाओं से जुड़े मुद्दों को अपनी रचनाओं में बेबाकी से उठाया और पुरुष प्रधान समाज में उन मुद्दों को चुटीले और संजीदा ढंग से पेश करने का जोखिम भी उठाया था। इससे पता चलता है कि उनकी सोच अपने समय से कितनी आगे थी। उन्हें 'टेढ़ी लकीर' पर 1974 में गालिब अवार्ड मिला था।
3. उन्होंने अपने लेखन में महिला मुद्दों के अलावा समाज की कुरीतियों, व्यवस्थाओं और अन्य पात्रों को भी बखूबी पेश किया।
4. उस दौर में किसी महिला के लिए यह कहानी लिखना एक दुस्साहस का काम था। लेकिन इस्मत चुगताई द्वारा 1941 में लिखी गई लिहाफ कहानी के कारण वे खासी मशहूर हुई। इस कहानी के माध्यम से उन्होंने महिलाओं के बीच समलैंगिकता के मुद्दे को उठाया था। जिसके कारण उन पर अश्लीलता का मामला भी चला था, हालांकि यह मामला बाद में वापस ले लिया गया।
5. आलोचकों की मानें तो इस्मत चुगताई की कहानियों में समाज के विभिन्न पात्रों का आईना दिखाया गया है। उन्होंने महिलाओं को उनकी असली जुबान के साथ अदब में पेश किया। भारतीय समाज में महिलाओं के मुद्दे, उनके नजरिए और समस्याओं को बुलंदी से उठाने वाली इस्मत चुगताई का उर्दू अदब में खास मुकाम है।
6. वे एक भारतीय उर्दू उपन्यासकार, लघु कथाकार और फिल्म निर्माता थीं। उन्हें बिंदास और बेबाक रचनाकार के रूप में जाना जाता है।
7. उनके लोकप्रिय कहानी संग्रहों में चोटें, छुईमुई, एक बात और एक कतरा-ए-खून, टेढ़ी लकीर, जिद्दी, दिल की दुनिया, मासूमा और बहरूप नगर उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं।
8. इस्मत चुगताई ने कागजी हैं पैरहन शीर्षक से अपनी आत्मकथा लिखी थी।
9. लेखिका इस्मत चुगताई का निधन मुंबई में 24 अक्टूबर 1991 को हुआ था। यह एक भारत की प्रसिद्ध उर्दू लेखिका थीं, जिन्हें 'इस्मत आपा' के नाम से जानते हैं।
10. उनको 'टेढ़ी लकीर' के लिए 'गालिब अवार्ड', 'इकबाल सम्मान', 'नेहरू अवार्ड', 'साहित्य अकादमी पुरस्कार', 'मखदूम अवार्ड' आदि पुरस्कार व सम्मान मिल चुके हैं।
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