खलील जिब्रान दुनिया के महान दार्शनिकों में हुए हैं। उनके दार्शनिक विचार और चिंतन आज भी साहित्य जगत में बेहद अहम है।
खलील जिब्रान 6 जनवरी 1883 को लेबनान के 'बथरी' नगर में पैदा हुए। 1912 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थायी रूप से बस गए। आइए जानते हैं उनके लोकप्रिय कथन। 48 वर्ष की आयु में कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर 10 अप्रैल 1931 को उनका न्यूयॉर्क में ही देहांत हो गया।
आगे बढ़ी, कभी रुको मत, क्योंकि आगे बढ़ना ही पूर्णता है। आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले कांटों से डरो मत, क्योंकि ये सिर्फ गन्दा खून निकालते हैं।
आने वाली पीढ़ी गरीबी से समानता और संकट से प्रेम सीखेगी।
अपने सुख-दुःख अनुभव करने से बहुत पहले, हम स्वयं उन्हें चुनते हैं।
कष्ट सह कर ही सबसे मजबूत लोग निर्मित होते हैं, सबसे महान हस्तियों पर घाव के निशान होते हैं।
मित्रता हमेशा एक मधुर ज़िम्मेदारी है, ये अवसर कभी नहीं हैँ।
थोडा ज्ञान जो प्रयोग में लाया जाता हैं, वो बहुत सारा ज्ञान जो बेकार पड़ा है उससे कहीं गुना अधिक मूल्यवान होता है।
स्वतंत्रता के बिना जीवन, बिना आत्मा के शरीर के सामान है।
आपकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी ही आपका मंदिर और आपका धर्म है, जब आप इसमें प्रवेश करते हैं तो पूरी तरह से प्रवेश कीजिये।
एक दूसरे से प्रेम करें, लेकिन प्रेम पर कोई बंधन ना बाधें, बल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बीच एक बहते हुए सागर के समान बहने दें।
अपने सपनो में यकीन करो, क्योंकि इन्ही में अनंत का द्वार छिपा है
ये मत भूलो की ये धरती तुम्हारे पैरों को महसूस करके खुश होती है और हवा तुम्हारे बालों से अठखेलियां करना चाहती है।
प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष के सामान है जिसपे ना तो बहार आती हैं और ना ही फल।
वो ज्ञान, ज्ञान नहीं रह जाता, जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि थोड़ा रो भी ना सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी ना सके और इतना स्वार्थी हो जाये कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण भी ना कर सके।
बीता हुआ कल आज की यादे है, और आने वाला कल आज का सपना है।
आत्मा जो भी चाहती है, वो पा लेती है
दुःख महज दो बगीचों के बीच की एक दीवार है।
जब हम सलाह के लिए एक दूसरे की तरफ देखते हैं तब हम अपने दुश्मनों की संख्या घटा लेते हैं
यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें, क्योंकि यदि वो लोट कर आते हैं तो वो हमेशा से आपके थे। और यदि नहीं लौटते हैं तो कभी आपके थे ही नही।
यदि आपका ह्रदय ज्वालामुखी है तो भला आप कैसे फूलों के खिलने की अपेक्षा कर सकते हैं।
मेरा अस्तित्व अगर किसी के नष्ट होने का कारण बनता है तो मौत मुझे अधिक प्रिय औऱ आकर्षक होगी।
यदि आप अपने राज़ हवा से बताते हैं तो आपके राज़ का पेड़ों को पता चलने का दोष हवा को नहीं देना चाहिए
मैं तुमसे प्यार करता हूं जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो, अपने मंदिर में घुटने टेकते हो, अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं, और यही भावना होनी चाहिए।
जो सही है वो लोगों के दिल के करीब होता है, लेकिन जो दयालु है वो भगवान् के ह्रदय के करीब होता है।
यदि कोई आपको चोट पहुंचाता है तो हो सकता है, आप उसे भूल जाएं; लेकिन यदि आप उसे चोट पहुंचाते हैं तो आप हमेशा इसे याद रखेंगे।