प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री टी.आर जेलियांग के निजी घर में ही आग लगा दी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी भयावह होगी। सेना या पुलिस लोगों को हिंसा से रोक सकती है, उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है लेकिन जिस भावना से विरोध हो रहा है उसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा है उसे नहीं रोक सकती है। दरअसल, विरोधियों का कहना है कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 371-1 के तहत नागा लोगों अपनी परंपरा, संस्कृति, सामाजिक प्रथा की रक्षा हेतु मिले अधिकार का उनका उल्लंघन हो रहा है। इसके लिए जानजातीय परिषदों का ज्वाइंट कोआर्डिनेशन कमेटी या संयुक्त समंवय समिति का गठन हो चुका है। इसे नागा ट्राइबस एक्शन कमेटी या एनटीएसी नाम दिया गया है। इनका कहना है कि महिलाओं की आरक्षण की व्यवस्था उनकी परंपरा पर चोट है।