हिन्दी साहित्य : कैलाश से सत्य तक

आइए मैं ले चलूं
आपको कैलाश से सत्य तक
की यात्रा में
सत्यार्थीजी के साथ
सत्य के शोधार्थी हैं आप

 

 
 
जन्म विदिशा में पाया
अभियांत्रिकी की डिग्री
हासिल कर
जनसेवा में नाम कमाया
 
बाल श्रम को समूल नष्ट करने का
अभियान चलाया
नन्हे कोमल हाथों को बाल श्रम से
छुटकारा दिलाया।
 
शोषित-पीड़ित बचपन को
जीवनधारा में वापस लाए
आपके मार्गदर्शन में लाखों
बचपन मुस्कुराए
 
नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर
राष्ट्र का गौरव बढ़ाया
विश्व पटल पर भारत का
झंडा फिर से लहराया
 
ऐसा लग रहा जैसे कह रहे हो
मैं सत्य हूं इसलिए शिव हूं
और कैलाश पर विराजमान हूं
संपूर्ण विश्व में करता सत्यम्
शिवम् सुन्दरम् का शंखनाद
 
नवचेतना का द्वार हूं
नववंदना का राग हूं
कोई अलौकिक शक्ति हूं
अभिव्यक्ति हूं विश्वास हूं।  

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