हिन्दी कविता : सफल वक्त...

- अनूप तिवारी 


 

ऐ मेरे वक्त तू बहुत याद आता है
तेरी ठोकरों पर भी प्यार आता है
 
तुझसे जो पाया मैंने वो भुलाया नहीं जाता
सफलता के उस एहसास को दिल से निकाला नहीं जाता
 
तुझ में ही देखा हर रंग जमाने का
और तुझ में ही पाई खुशियां जमाने की
 
तुझसे ही मिले रंग बदलते लोग जमाने के 
तुझसे ही मिले जिंदादिल यार हर मिजाज के
 
तुझसे ही ज्ञान मिला गुरुओं का 
तुझसे ही साथ मिला अपनों का
 
तुझसे ही दौलत-शोहरत पहचान मिली
ऐ मेरे वक्त तू बहुत याद आता है। 
 

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