क्योंकि अंदर की सरगर्मी थी गोपनीय, पर्दे में,
और बाहर दरवाजों पर लगे हुए ताले थे || 1 ||
बाहर की हवा न जाती थी अंदर, न अंदर की आती बाहर।
जो स्थिति बनी वह किसी के लिए भी ना हितकर थी, ना सुखकर || 2 ||
सत्ता के लिए जोड़-तोड़ में 'प्रजातंत्र की हत्या' एक बड़ा नारा है।
(सच पूछो तो) प्रजातंत्र अपनी दुर्दशा पर कहीं आंसू बहा रहा बेचारा है || 3 ||
मतदाता के निर्मल प्रजातंत्र को किसने, कहां संवारा है।
अपने निहित स्वार्थों में सबने उसका नूर उतारा है।