कुछ दुःख अकारण भी होते हैं...

तरसेम कौर 
 
हर दुःख का कोई कारण हो 
यह आवश्यक नहीं...
 
 
कुछ दुःख अकारण भी होते हैं
बिना कारण नेत्रों का नम हो जाना
ऐसा कुछ विचार उग आना
जिसका वास्तविकता में 
कोई महत्व नहीं...
 


 















शांत नदी में कंकड़ फेंक देना
और सारे पानी का कंपकपा जाना...
हृदय के इर्दगिर्द 
इन अकारण दुखों की फेंसिंग है जो 
ढांपे रखती है
हृदय की सच्ची खुशियों को...
 
और जब इन अकारण दुखों 
को परत दर परत हटाया जाता है
तब मिलता है सच्ची खुशियों 
से भरा बहुमूल्य खजाना....!!

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