बड़ी-बड़ी बेटियों के लिए तो
मर्यादा का रखवाला होता है
पथ भटके जब जवां लाड़लियां
हो जाए विधुर यदि यौवनावस्था में
तो टूटे हुए तारे-सा होता है
कामेच्छाओं के सरोवर में बिना
कोई बात न करने वाला होता है
आवश्यकताओं की पूर्ति न होने पर
सागर में रेगिस्तान जैसा होता है