alkaline water kaise banaye: पानी हमारे जीवन का मूल आधार है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल साफ पानी पीना ही पर्याप्त नहीं है? शरीर को सही pH संतुलन देने वाला पानी पीना आज के दौर में और भी जरूरी हो गया है। ऐसे में अल्कलाइन वाटर यानी क्षारीय पानी एक बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आया है, जिसे हेल्थ एक्सपर्ट्स भी डाइजेशन, डिटॉक्स और इम्यूनिटी के लिए लाभकारी मानते हैं। आमतौर पर लोग RO (रिवर्स ओस्मोसिस) वाटर को हेल्दी मानते हैं, लेकिन कई बार ये पानी जरूरी मिनरल्स को हटा देता है और शरीर के प्राकृतिक pH को भी बिगाड़ सकता है। ऐसे में सवाल उठता है, क्या घर पर ही ऐसा कोई तरीका है जिससे हम RO से बेहतर और मिनरल रिच अल्कलाइन वाटर बना सकें? इस लेख में जानिए कैसे आप बिना किसी महंगे इक्विपमेंट के घर में ही अल्कलाइन वाटर बना सकते हैं।
क्या होता है अल्कलाइन वाटर और क्यों है ये जरूरी?
अल्कलाइन वाटर वह पानी होता है जिसका pH लेवल 8 या उससे ज्यादा होता है। जबकि सामान्य पानी का pH लगभग 7 होता है, जो न्यूट्रल होता है। शरीर का pH बैलेंस बनाए रखना कई बीमारियों से बचाव में मदद करता है। जब शरीर अत्यधिक एसिडिक हो जाता है तो थकान, डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स, स्किन इश्यूज और इम्यून वीकनेस जैसी समस्याएं जन्म ले सकती हैं। अल्कलाइन वाटर इन एसिडिक प्रभावों को संतुलित करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
घर पर अल्कलाइन वाटर बनाने के आसान और असरदार तरीके
1. नींबू और पानी का जादू
आप सोच सकते हैं कि नींबू एसिडिक होता है, लेकिन ये शरीर में जाकर अल्कलाइन प्रभाव छोड़ता है। एक लीटर पानी में आधे नींबू का रस मिलाएं और कुछ घंटों तक ऐसे ही छोड़ दें। चाहें तो इसमें कुछ पुदीने की पत्तियां भी डाल सकते हैं। यह तरीका न सिर्फ pH बढ़ाता है, बल्कि पानी को और ताजा बना देता है।
2. बेकिंग सोडा से पानी का pH बढ़ाएं
बेकिंग सोडा यानी खाने का सोडा एक बहुत ही किफायती और प्रभावी तरीका है अल्कलाइन वाटर बनाने का। 1 गिलास (250 ml) पानी में एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर अच्छे से घोल लें। यह उपाय खासतौर पर उन लोगों के लिए मददगार है जिन्हें बार-बार एसिडिटी या सीने में जलन की समस्या होती है। हालांकि हाई बीपी या किडनी रोगियों को इसका इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर करना चाहिए।
3. एल्कलाइन वॉटर स्टिक या ड्रॉप्स का प्रयोग
आजकल बाजार में ऐसी वॉटर स्टिक्स और मिनरल ड्रॉप्स उपलब्ध हैं जिन्हें आप सीधे अपने पानी में डालकर उसका pH लेवल बढ़ा सकते हैं। यह तरीका थोड़ा खर्चीला हो सकता है, लेकिन यह ट्रैवल फ्रेंडली भी है और लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. तांबे के बर्तन में रखा पानी
भारत में प्राचीन काल से ही तांबे के बर्तन में पानी रखने की परंपरा रही है। रातभर तांबे के बर्तन में रखा पानी सुबह पीना न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि हल्के तौर पर अल्कलाइन इफेक्ट भी देता है। यह तरीका आज भी कई हेल्थ कोच और योग प्रशिक्षकों द्वारा सुझाया जाता है।
5. मिनरल्स रिच फ्रूट्स या खीरा मिलाएं
खीरा, तरबूज, कीवी जैसे फल या सब्जियां जिनमें पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स होते हैं, उन्हें पानी में कुछ घंटों के लिए डालें। यह डिटॉक्स वॉटर के साथ-साथ अल्कलाइन वाटर के रूप में भी काम करता है।
ध्यान रखें ये जरूरी बातें
अल्कलाइन वाटर कोई जादुई इलाज नहीं है, लेकिन इसे अपने डेली रूटीन में शामिल करने से पाचन, एनर्जी और स्किन हेल्थ में सुधार आ सकता है।
यदि आप किसी मेडिकल कंडीशन से ग्रस्त हैं तो अल्कलाइन वाटर पीने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
ज्यादा अल्कलाइन पानी पीना भी नुकसानदायक हो सकता है। बैलेंस बनाए रखना सबसे जरूरी है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।