राम नवमी विशेष कविता : राम तुम्हें आना होगा

प्रीति दुबे
जग पर बरसी विपदा से
हम सबको बचाना होगा 
प्राणों के रक्षक बन राघव
संजीवन बूटी लाना होगा
इस महासंग्राम विजय पथ पे
रावण के संहारक राम
सबको जीत दिलाना होगा
हे राम !तुम्हें अब आना होगा
 
तुम तब भी तो आये थे राम 
व्यथित हुआ जब जगसन्मान
बहते हैं नयन बनो अभिराम
फिर उठाओ अब तीर कमान 
दैत्य कोरोना का हो संधान
हे मर्यादा पुरशोत्तम राम
मन में विश्वास जगाना होगा
हे राम !तुम्हें अब आना होगा
 
हे राम करो अब आत्मत्राण
धरो राम जन जन का ध्यान
रख लो इस जगती का मान
आरोग्य रहें सब दो वरदान
हे रघुवर !शबरी के राम!
बेरों का मोल चुकाना होगा 
हे राम! तुम्हें अब आना होगा
 
काल के विदारक बनकर 
देह मनुज की धारण करकर 
सबके मन की शक्ति बनकर
दीवाली से दीपों  में सजकर
हे कौशल्या के नंदन राम!
हर माँ की गोद बचाना होगा
हे राम तुम्हें अब आना होगा
 
माना घोर यहाँ कलियुग है 
पर आना तुमको हर युग है
इस युग में भी कई रावण है 
रक्तबीज से खल-दानव हैं 
हे हनुमत के आराध्य राम ..
पवन वेग से आना होगा
हे राम तुम्हें अब आना होगा 
 
हे राम !! हे राम!!! हे राम!!!
है शपथ तुम्हें  माँ सीता की 
सुग्रीव मित्र की वनिता की 
उस प्रस्तर देह अहिल्या को 
पारस  करने आना होगा 
इस जग की लाज बचाना होगा
हे राम तुम्हें अब आना होगा
 
रीत सिखाकर मानवता की
हर हिय प्रीत जगाना होगा
भक्तों के हे रक्षक राम!
हे राम तुम्हें अब आना होगा 
बिन देरी अब आना होगा
राम तुम्हें ही आना होगा
राम तुम्हें अब आना होगा...
 
राम ही रक्षा करेंगे ।
 

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