विशेष कविता : खोएंगे न अब वीर जवान...

सहन नहीं अब कर सकते हैं,
खोएंगे न अब वीर जवान।


 
अब तो सबक सिखाना होगा,
हुमस न पाए पाकिस्तान।
 
ओछी चाल हरदम चलता है,
पाले हैं आतंकवादी। 
मुद्दा एक आलाप गलत है,
कैसी चाहिए आजादी। 
 
तौहीन जगत में उसकी होती,
खो चुका अपना सम्मान। 
अब तो सबक सिखाना होगा, 
हुमस न पाए पाकिस्तान।
 
घात लगा के वार है करता, 
मन ही मन घबराता है। 
देख सामने सिंहराज को, 
कुत्ते जस दुम हिलाता है। 
 
माफ नहीं अब उसको करना, 
खींच लेना है पूरी खाल। 
अब तो सबक सिखाना होगा, 
हुमस न पाए पाकिस्तान। 
 
अब समझ के भाई नहीं छोड़ेंगे, 
न अब हाथ मिलाएंगे। 
सारी सुविधा बंद है करना, 
पानी बिन प्यासा रुलाएंगे। 
 
तहस-नहस अइसा कर डालो, 
मिट जाए उसकी पहचान। 
अब तो सबक सिखाना होगा, 
हुमस न पाए पाकिस्तान। 

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