करवा चौथ पर कविता : सुरीला चांद

करवा चौथ का सुरीला चांद  
कितना 
मीठा और सलोना लगता है 
महकता और मोहता है 
जब 
मुस्कुराता है 
अखंड सुहागिनों के लिए.... 
 
करवा चौथ का सुरीला चांद 
बस इतना रखें याद 
 
आज उसे देर तक थिरकना है 
सच्ची सुहागिनों के लिए 
थोड़ा जल्दी दमकना है..

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