तुम, सोना मत नदी

प्रेमशंकर रघुवंशी
WDWD
नदी
सोना मत!

तुम्हारे सोते ही
सो जाएँगे कछार

वनस्पतियों में
फैल जाएँगी महामारी
नदी सोना मत!

तुम्हारे सोते ही
भ्रष्ट होंगे
मौसम

और ऋतुओं पर
नहीं रहेगा किसी का वश!

तुम, सोना मत
मत सोना, नदी!!