विक्षिप्त कौन?

ज्योति जै
NDND
वो पगली नाम के चिथड़ों में चौराहे, नुक्कड़, गली में भटकती रहती। सभी कहते थे वह अर्धविक्षिप्त है। न जाने किस काली घड़ी में किसी की पाशविकता के चलते, हर पाप से अनभिज्ञ उस अधपगली का उदर उभर आया।

उसे देख शीला के मन में यकायक एक विचार कौंध उठा,' वो तो अर्धविक्षिप्त है लेकिन जिसने यह पशुवत हरकत की क्या वो जान बूझकर पाप करने वाला पूर्णविक्षिप्त नहीं रहा होगा?