मेहर बाबा का जीवन: उनका जन्म 25 फरवरी, 1894 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका मूल नाम मेरवान शेरियर ईरानी था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा क्रिश्चियन हाई स्कूल, पुणे में प्राप्त की। बाद में उन्होंने डेक्कन कॉलेज में पढ़ाई की, लेकिन वहां उनकी रुचि आध्यात्मिकता में अधिक थी। 19 वर्ष की आयु में उनकी मुलाकात रहस्यमयी महिला संत हजरत बाबाजान से हुई, जिसने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने कई आध्यात्मिक गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की, जिनमें हजरत ताजुद्दीन बाबा, नारायण महाराज, शिरडी के साईं बाबा और उपासनी महाराज प्रमुख थे।
मेहर बाबा ने प्रेम, एकता और मानवता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सार एक ही है और ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग प्रेम है। अवतार मेहरबाबा ने सन् 1925 में, 29 वर्ष की उम्र में मौन व्रत धारण किया, जो जीवन भर अखंड रहा। वे अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए इशारों और वर्णमाला पट्टिका का उपयोग करते थे। रहस्यवादी और आध्यात्मिक गुरु अवतार मेहरबाबा की मृत्यु 31 जनवरी, 1969 को मेहराबाद (महाराष्ट्र) में हुई थी।
मेहर बाबा की प्रमुख शिक्षाएं :
1. मेहर बाबा ने मानवता की सेवा को सबसे बड़ा पुण्य बताया। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए लोगों को प्रेरित किया।
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