ओशो रजनीश के पत्रों के संकलन से एक कथा- बात उस समय की है जब लाइट नहीं थी। लोगों ने अंधकार को दूर करने के बहुत उपाय सोचे, पर असफल रहे। तब एक चिंतक ने कहा- हम अंधकार को टोकरियों में भरकर गड्ढों में डाल दें। ऐसा करने से धीरे-धीरे अंधकार समाप्त हो जाएगा।
लोगों ने उसकी बात मानी और रातभर अंधेरे को टोकरियों में भरकर गड्ढों में डालते, पर इससे अंधेरा दूर नहीं होता। फिर भी हर व्यक्ति प्रति रात्रि कम से कम एक टोकरी अंधेरा तो जरूर ही फेंकता था। अंधकार को फेंकने ने एक प्रथा का रूप ले लिया।