डोरबेल बजी सामने पार्सल लिए डिलेवरी बॉय खड़ा था।
सुहानी ने पार्सल ले लिया। उसने बिना किसी उत्सुकता के पार्सल को सोफे पर बोझिल मन से रख दिया।
अपने पति विक्रम को फोन लगाया - "सुनिए मुझे पार्सल मिलने के साथ ही पता चल गया है कि आपको देशसेवा और फौज के दायित्वों के चलते फिर छुट्टी नहीं मिल पाई है। कोई बात नहीं, देश के दायित्व, प्रेमदिवस से बढ़कर है। आपका इंतजार भी हमारे वेलेंटाइन का सात्विक रूप ही तो है।"