इंद्रजीत जैसे बाह्य शत्रु को तो इंद्रियजित हनुमान ने जीता ही परंतु मन के अंदर रहे हुए काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर आदि असुरों पर भी उन्होंने विजय प्राप्त की थी। सीता की खोज के लिए जब वे लंका में गए तब अनेक सुंदर स्त्रियों को उन्होंने देखा, परंतु उनका मन विचलित नहीं हुआ।