Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या एक विशेष पर्व है जो सावन मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह विशेष रूप से उत्तर भारत, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति और हरियाली को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है, वृक्षारोपण किया जाता है और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट किया जाता है।ALSO READ: हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग, इन 5 उपायों से दूर होगी धन की परेशानी
हरियाली अमावस्या पर क्या करना चाहिए:
1. वृक्षारोपण करना (पेड़ लगाना):
• यह इस दिन का सबसे प्रमुख कार्य है। पीपल, नीम, तुलसी, आम, बेल आदि धार्मिक और औषधीय पेड़ लगाए जाते हैं।
• इसे पर्यावरण की रक्षा और हरियाली बढ़ाने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
2. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा:
• शिवलिंग का अभिषेक करें- जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करें।
• सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या घर पर स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
• तिल, कुश, और काले तिल का स्नान व दान करने से विशेष फल मिलता है।
6. पितरों को तर्पण देना:
• कुछ स्थानों पर यह दिन पितृ पूजन के लिए भी शुभ माना जाता है।
• तर्पण करके पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
7. भजन-कीर्तन और मेले:
• कई स्थानों पर इस दिन हरियाली अमावस्या मेले लगते हैं, विशेषकर ब्रज और मथुरा में।
• महिलाएं झूले झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और सावन का स्वागत करती हैं।
यदि आप इसे आध्यात्मिक और पर्यावरणीय रूप से मनाएं, तो यह दिन बहुत शुभ और पुण्यदायी हो सकता है।
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