Hindu devi devta : आपके कांतारा फिल्म देखी होगी उसमें एक व्यक्ति विशेष के शरीर में देव आते हैं जो लोगों की समस्या का समाधान करते हैं। देव आने के पूर्व कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। एक समय ऐसा था जबकि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक देव स्थान होता था जहां पर देवताओं की हाजरी होती थी। परंतु अब यह कम होता जा रहा है।
जैन शास्त्रों में कहा गया है कि पुण्यशाली जीव देवगति प्राप्त करते हैं। मुख्यत: चार तरह के देव होते हैं- देवाधिदेव, सुदेव, कुदेव और अदेव। पहले वीतरागी, सर्वज्ञ और हितोपदेशी, दूसरे सम्यकदृष्टि पूर्ण, तीसरे मिथ्या दृष्टि देगवति के देव और चौथे जो देव नहीं है पर उन्हें उनकी शक्तियों के कारण देव मान लिया गया है।
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी क्षेत्रपाल, खेतल, खंडोवा, भैरू, जाखू, खेड़पति (हनुमानजी), ग्रामदेव, लोक देवता, देवनारायण, देव महाराज, नागदेव, वनस्पति देव, कुल देव, कुलदेवी आदि की पूजा होती है। इसी के साथ ही सतीमाई, कालीमाई, सीतलामाई, वनदेवी, पर्वतदेवी, वनदुर्गा, ग्रामदेवी, चंडी आदि होती हैं। इन देवी देवता को रोट व भेंट चढाई जाती है। कुछ जगहों पर क्षेत्रपाल को पशु बलि भी दी जाती है।
कुल 424 देवता और देवगण हैं : वेदों के अनुसार प्रमुख 33 देवता हैं, 36 तुषित, 10 विश्वेदेवा, 12 साध्यदेव, 64 आभास्वर, 49 मरुत्, 220 महाराजिक मिलाकर कुल 424 देवता और देवगण हैं। देवगण अर्थात देवताओं के गण, जो उनके लिए कार्य करते हैं। हालांकि गणों की संख्या अनंत है, लेकिन 3 देव के अलावा देवताओं की संख्या 33 ही है। इसके अलावा प्रमुख 10 आंगिरसदेव और 9 देवगणों की संख्या भी बताई गई है। महाराजिकों की कहीं कहीं संख्या 236 और 226 भी मिलती है। सभी देवी और देवताओं के कार्य अलग अलग हैं।
देवताओं का स्थान : भारत में ऐसे हजारों लोग मिल जाएंगे जो यह मानते हैं कि देवी या देवता शरीर में आकर लोगों की समस्या का समाधान करते हैं। हिन्दू पौराणिक शास्त्रों में कहा गया है कि हिमालय में सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है। इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। अपने श्रेष्ठ कर्मों के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माएं यहां प्रवेश कर जाती हैं। जब भी पृथ्वी पर संकट आता है, नेक और श्रेष्ठ व्यक्तियों की सहायता करने के लिए वे पृथ्वी पर आती हैं।
शरीर में किसी आत्मा का आना : इसे भारत में हाजिरी आना या पारगमन की आत्मा का आना कहते हैं। ग्रामिण क्षेत्रों में डील में आना। किसी व्यक्ति विशेष के शरीर में नाग महाराज, भेरू महाराज या काली माता के आने के किस्से सुनते रहते हैं। भारत में ऐसे कई स्थान या चौकी हैं, जहां आह्वान द्वारा किसी व्यक्ति विशेष के शरीर में दिव्य आत्मा का अवतरण होता है और फिर वह अपने स्थान विशेष या गद्दी पर बैठकर हिलते हुए लोगों को उनका भूत और भविष्य बताता है और कुछ हिदायत भी देता है।
हालांकि इन लोगों में अधिकतर तो नकली ही सिद्ध होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो किसी भी व्यक्ति का भूत और भविष्य बताकर उसकी समस्या का समाधान करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे लोग किसी भी व्यक्ति का जीवन बदलने की क्षमता रखते हैं। ऐसे कुछ लोगों के स्थान पर मेला भी लगता है। जहां वे किसी मंदिर में बैठकर किसी चमत्कार की तरह लोगों के दुख-दर्द दूर करते हैं।