हरतालिका तीज का इतना महत्व क्यों है, जानिए क्यों माना जाता है सभी तीजों में विशेष व्रत

WD Feature Desk

गुरुवार, 21 अगस्त 2025 (17:50 IST)
importance of hartalika teej in hindi: तीज का त्यौहार भारत में पति-पत्नी के अटूट रिश्ते और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। हर साल सावन और भाद्रपद के महीनों में तीन प्रमुख तीज मनाई जाती हैं - हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज। हालांकि, इन तीनों में से हरतालिका तीज को सबसे खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत की कठोरता, पौराणिक कथा और इसके पीछे की गहन आस्था इसे बाकी दोनों से अलग करती है।

क्यों है हरतालिका तीज है सबसे खास?
हरियाली और कजरी तीज के व्रत में पानी और फलाहार का सेवन किया जा सकता है, लेकिन हरतालिका तीज का व्रत निर्जला व्रत होता है। इसका मतलब है कि यह व्रत करने वाली महिलाएं 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक बिना पानी और भोजन के रहती हैं। इस व्रत की यह कठोरता ही इसे सबसे अलग बनाती है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, जो प्रेम, त्याग और भक्ति का सबसे बड़ा प्रतीक हैं।

हरतालिका तीज का व्रत क्यों किया जाता है?
इस व्रत के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। जब उनके पिता हिमालय ने उनका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया, तब माता पार्वती की सहेली ने उनका अपहरण कर लिया (इसलिए इस व्रत को 'हरतालिका' कहा गया, जिसका अर्थ है 'सखी द्वारा हरण') और उन्हें घने जंगल में छिपा दिया। वहां माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए घोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य यह है कि सुहागिन महिलाएं माता पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियाँ मनचाहा जीवनसाथी पाने की प्रार्थना करती हैं।

हरतालिका तीज व्रत के लाभ
इस व्रत को करने से कई लाभ मिलते हैं, जिनकी मान्यता सदियों से चली आ रही है।
अखंड सौभाग्य: यह व्रत सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देता है।
पति की लंबी उम्र: यह माना जाता है कि इस व्रत के कठोर नियमों का पालन करने से पति की लंबी आयु होती है।
मनचाहा वर: अविवाहित लड़कियाँ इस व्रत को रखकर भगवान शिव जैसे आदर्श जीवनसाथी को पाने की कामना करती हैं।
दांपत्य सुख: यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है और उनके बीच प्रेम और सामंजस्य बनाए रखता है।
हरतालिका तीज सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि समर्पण, त्याग और भक्ति का पर्व है जो हर साल माता पार्वती के दृढ़ संकल्प की याद दिलाता है।
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