शिवलिंग : तुलसी के पास भूलकर भी शिवलिंग नहीं रखते हैं। तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दु:खी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग को तुलसी के पास नहीं रखते हैं और शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाते चाहिए।