रंगबिरंगी रंगों से सजा होली का पर्व, जो प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का, वहीं यह अहसास दिलाता है दुश्मनी को खत्म कर दोस्तों को गले लगाने का। बुराई की प्रतीक होली पर लोग हरे-भरे पेड़ों की बलि न लेकर प्रतीकात्मक रूप से कंडे की होली जलाकर बुराई को दूट करने का संकल्प लेना चाहिए।
मानवीय सभ्यता के आदि पर्व और प्राणियों की कामेच्छा के उत्सव होली में आपका स्वागत है। होली के रमणीय मौसम में वृक्षों में आई कोपलों और फूलों के रूप में छाए प्रकृति के रंग में रंगकर हम होली का पर्व मनाना चाहते है। आइए जानते हैं होली के मुहूर्त
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य उद्धव श्याम केसरी के अनुसार 19 मार्च की रात होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.30 से शुरू हो जाएगा, जो रात 11.50 मिनट तक रहेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2011 में शनि लगभग सभी राशियों में अपना प्रभाव बनाए हुए हैं।
गोचर में भी इसका प्रभाव खास कर कन्या, तुला और सिंह राशियों में कहर ढा रहा है। इन सभी राशियों वाले जातकों को शनि देव का ध्यान करते हुए गोबर के कंडे जलती होली में 7 परिक्रमा करते हुए 7 कंडे डालना चाहिए। जिन लोगों को चर्म रोग है, यह उपाय करने से उन्हें मुक्ति मिलेगी।