ब्रज की होली के 5 सबसे लोकप्रिय गीत

WD Feature Desk

सोमवार, 17 फ़रवरी 2025 (13:58 IST)
Holi Rangpanchami special songs : होली के रंगबिरंगे गीत ब्रज की होली की जीवंतता और उत्साह को दर्शाते हैं। ये गीत राधा और कृष्ण के प्रेम, रासलीला और होली के रंगों के महत्व को भी बताते हैं। इस त्योहार में जहां लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर प्रेम में डूब जाते हैं। यदि ढोलक और मजीरों की थाप पर होली के गीत गाए जाए तो मौसम अपने आप भी  बन जाता है। इन गीतों को सुनकर आप भी ब्रज की होली के रंग में रंग जाएंगे और इस उत्सव का आनंद लेंगे।ALSO READ: होली पर चंद्र ग्रहण से किन 3 राशियों पर होगा इसका नकारात्मक प्रभाव?
 
ब्रज की होली के कुछ सबसे लोकप्रिय गीत इस प्रकार हैं:
 
1. आज बिरज में होरी रे रसिया। 
होरी तो होरी बरजोरी रे रसिया।।
उड़त अबीर गुलाल कुमकुमा, 
केशर की पिचकारी रे रसिया। 
आज...
 
उतते ग्वाल बाल सब आवत, 
इत वृषभान दुलारी रे रसिया। 
आज...
 
बाजत बीन मृदंग पखावज, 
गावत दे दे तारी रे रसिया। 
आज...
 
श्याम श्यामली खेलें होरी, 
अद्भुत रूप तिहारों रे रसिया। 
आज...
 
अपने अफने घर से निकली,
कोई गोरी कोई कारी रे रसिया।। 
आज बिरज में होरी रे रसिया।

2. होली आई रे कन्हाई, ब्रज के रसिया, 
होली आई रे।
बाट तकें सब सखा तुम्हारे, 
बाहर आओ मोहन प्यारे,
डफ बजने दो रंग उड़ने दो, 
अब क्यों देर लगाई रसिया।। 
होली आई रे...
 
कलश मंगाय के केसर घोलो, 
श्याम हमें आज रंग में बोरो
होली आ गई ओ मन बसिया, 
रंग अबीर उड़ाओ रसिया।। 
होली आई रे...

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3. होली आई रे, आई रे, होली आई रे।
झूमती गाती रंग बरसाती, होली आई रे...
 
निकल पड़ी गोरी अब घर से,
मारें पिचकारी रंग भर भर के, होली आई रे...
 
तन रंग डाला, मन रंग डाला,
अबीर लगाओ जी भर के। होली आई रे...
 
घूंघट लगाओ गोरी, मुखड़ा दिखाओ,
दूर मत जाओ गोरी डर डर के। होली आई रे...

4. होली खेलन आयो श्याम,
आज याको रंग में बोरो रे। 
होली खेलन...
 
कोरे कोरे कलश मंगाय सखी री,
उसमें केसर घोरी रे। 
होली खेलन...
 
मुख पै मल्यो गुलाल सखी री,
कीन्हों काले ते गोरी रे। 
होली खेलन...
 
हरे हरे बांस की पोरी सखी री,
छीन छपट करी चोरी रे। 
होली खेलन...
 
लोक लाज कुल की मर्यादा,
सखी! फागुन में छोड़ी रे। 
होली खेलन...

5. मथुरा की कुंज गलिन में, 
होरी खेल रहे नंदलाल।
 
मोहे भर पिचकारी मारी, 
साड़ी की आब उतारी।
 
झूमर को कर दियो नाश।। 
मथुरा की...
 
मोरे सिर पर धरी कमोरी, 
मोसे बहुत करी बरजोरी।
मोरे मुख पर मलो गुलाल।
 
मथुरा की कुंज गलिन में, 
होली खेल रहे नंदलाल।
 
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