Holika Rangoli 2023 : इस बार होलिका दहन 7 मार्च को होगा। बता दें कि होलिका दहन (Holika dahan 2023) के पूर्व होली को अच्छे से सजाकर उसके आसपास रंगोली बनाई जाती है। चौहारों पर जो होलिका डांडा गाड़ा जाता है उसके आसपास सुंदर-सुंदर रंगोली बनाई जाती है। इतना ही नहीं कुछ जगहों पर तो रंगोली प्रतियोगिता रखते हैं।
कैसे करें होली की तैयारी How to prepare for Holi :
पहले ये सामग्री एकत्रित कर लें- इस दिन कंडे, भरभोलिये (उपलों की माला), रंगोली, सूत का धागा, पूजा सामग्री, पांच तरह के अनाज, चना, मटर, गेहूं, अलसी, कर्पूर, हार, फूल, मिठाई, फल, गुलाल, नारियल, लोटा, जल, गेहूं की बालियां, चावल, रोली, कुमकुम, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, लाल धागा आदि सामग्री एकत्रित कर लें।
ऐसे सजाएं होली Decorate Holi like this :
होलिका के दो डांडे गड़े होते हैं। होली का डंडा एक प्रकार का पौधा होता है, जिसे सेम का पौधा कहते हैं। इन डंडों को गंगाजल से शुद्ध करने के बाद इन डांडों के इर्द-गिर्द गोबर के उपले, लकड़ियां, घास और जलाने वाली अन्य चीजें इकट्ठा की जाती है और इन्हें धीरे-धीरे बड़ा किया जाता है। फिर उसके आसपास कच्चे सूत का धागा बांधा जाता है। फिर आसपास भरभोलिये (उपलों की माला) रखे जाते हैं। कंडे में विशेष प्रकार के होते हैं जिन्हें भरभोलिए कहते हैं।
भरभोलिए गाय के गोबर से बने ऐसे उपले होते हैं जिनके बीच में छेद होता है। इस छेद में मूंज की रस्सी डाल कर माला बनाई जाती है। एक माला में सात भरभोलिए होते हैं। इस डांडे के आसपास लकड़ी और कंडे जमाने के बाद रंगोली बनाई जाती और अंत में फिर विधिवत रूप से होली की पूजा की जाती है।
होली रंगोली Holi Rangoli :
रंगोली बनाना एक कला है और जो लोग कलाप्रिय हैं वे इसे शौक से बनाते हैं। ऐसे में रंगोली बनाने का पहला बड़ा फायदा तो यह है कि आप इसे बनाते समय बेहद सकारात्मक महसूस करते हैं और यह प्रक्रिया आपके तनाव को छू मंतर कर देती है।
रंगोली बनाते समय आपकी अंगुली और अंगूठा मिलकर ज्ञानमुद्रा बनाते हैं, जो आपके मस्तिष्क को ऊर्जावान और सक्रिय बनाने के साथ-साथ बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। एक्यूप्रेश के लिहाज से भी यह मुद्रा आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद प्रभावी है। यह आपको हाई ब्लडप्रेशर से बचाती है और मानसिक व आत्मिक तौर पर शांति प्रदान करती है।
रंगों के सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव को विज्ञान और विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों ने माना है। जब आप रंगों के संपर्क में आते हैं, तो इनसे उत्सर्जित ऊर्जा आप पर प्रभाव डालती है, जिससे कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का इलाज संभव है।
विभिन्न रंगों और फूलों से बनाई गई रंगोली आपके घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार करती है, जिससे मन प्रसन्न और वातावरण बेहद सकारात्मक होता है। इसका असर भी आपकी सेहत पर पड़ता है।