Holi 2024: होलिका दहन के बाद होली के दिन धुलेंडी का पर्व मनाया जाता है। कई राज्यों में इसे होली कहते हैं। धुलेंडी को धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन और चैत बदी आदि नामों से जाना जाता है। होली के अगले दिन धुलेंडी को पानी में रंग मिलाकर होली खेली जाती है तो रंगपंचमी को सूखा रंग डालने की परंपरा रही है। कई जगह इसका उल्टा होता है।
1. पहले यह होता था कि धुलेंडी के दिन सुबह के समय लोग एक दूसरे पर कीचड़, मिट्टी, मुलतानी मिट्टी या धूल लगाते थे, जिसे धूल स्नान कहते हैं। पुराने समय में शाम के समय धुलेंडी के दिन टेसू के फूलों का रंग बनाकर एक दूसरे पर लगाया जाता था। अब यह नहीं होता है।