लंबे समय तक किराए के मकानों में रहते आए उन लोगों की हसरतें तब उफान लेने लगती हैं, जब वे किसी तरह उधार या ऋण लेकर घर खरीद लेते हैं, फिर उसे सजाने के पीछे पागलपन की हद तक दीवाने हो जाते हैं।
* यदि आपने भी अपना फ्लैट खरीद लिया है तो पहले कमरों के अनुसार सजावट की रूपरेखा तैयार कीजिए, फिर सजावट के सामान खरीदिए।
* हड़बड़ी में या दूसरों की देखा-देखी में फर्नीचर या सजावट का सामान खरीदने का परिणाम यह होता है कि कई बार आप वो सामान उठा लाते हैं, जो आपके पड़ोसी के घर में तो खूबसूरत लग रहा था परंतु वो आपके घर के इंटीरियर के अनुरूप नहीं है।
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*सबसे पहले घर के सभी कमरों का ठीक से मुआयना करें तब आगे की योजना बनाएं ताकि अगले कुछ वर्षों तक के लिए यह टिकाऊ रह सके। यह ध्यान रखें कि आपका लक्ष्य पूरे घर को सुसज्जित करने का हो। पहले यह सोच लीजिए कि किस कमरे के लिए कौन से फर्नीचर फबेंगे।
* यदि आप पढ़ने-लिखने के शौकीन हैं और आपको अपने कमरे में लाइब्रेरी शेल्फ रखना जरूरी है तो उसी हिसाब से जगह या कमरे को चुनें जहां आप अपने को सहज महसूस कर सकें और पढ़ने के लिए वैसी ही कुर्सियां खरीदें, जिस पर आप ज्यादा समय तक अध्ययन कर सकें।
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* कमरों के उपयोग को ध्यान में रखते हुए ही फर्नीचर या अन्य सजावटी सामानों को सजाएं अन्यथा कमरे का स्वरूप बिगड़ सकता है।
* पूरे घर को सजाने के लिए थोक भाव में फर्नीचर खरीदने की भूल न करें। इसके लिए आवश्यक फर्नीचरों की लिस्ट बनाएं तदुपरांत अपने वार्षिक बजट में इसे समायोजित करें।