अक्सर लोग घर बनाते समय डायनिंग रूम पर ध्यान नहीं देते। अधिकांश घरों में तो डायनिंग रूम होता ही नहीं हैं। अक्सर किचन ही इतना बड़ा बना दिया जाता है कि वहीं लोग खाना खा लें। या फिर हॉल में ही पार्टीशन डालकर उसे डायनिंग एरिया बना दिया जाता है।
डायनिंग रूम के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना इसलिए जरूरी है ताकि जब आपके परिजन वहाँ बैठकर खाना खाएँ तो उसका परिवार पर सकारात्मक प्रभाव हो।
डायनिंग रूम हमेशा घर के पश्चिमी भाग में होना चाहिए। घर का निर्माण करते समय ध्यान रखें कि किचन और डायनिंग रूम एक ही फ्लोर पर हो। दोनों को सन्निकट बनाएँ। डायनिंग रूम को गुलाबी या नारंगी रंग से पेंट करें।
डायनिंग रूम का दरवाजा रूम की दक्षिणी दिशा को छोड़कर किसी भी दिशा में बनाया जा सकता है।