हर दीवार पर अलग रंगों की बहार

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अब कमरे की दीवारों को अलग-अलग रंग से रंगने का चलन बढ़ गया है, इससे कमरा बड़ा भी लगता है और माहौल की नीरसता भी टूटती है।

ड्रॉइंग रूम हो या फिर आपका कोई और कमरा। आजकल किसी भी कमरे की दीवारों पर एक ही रंग करवाना आउटडेटेड हो गया है।

इंटीरियर डिजाइनर के मुताबिक अब चार दीवारों में से बड़ी दीवार का रंग अलग होता है। यानी दो विभिन्न रंगों से दीवार रंगने का चलन बढ़ गया है। इससे जहां कमरा आकर्षक लगता है, वहीं कमरा बड़ा भी लगता है।

कुछ साल पहले लोगों के घरों में चाहे गुलाबी हो या आसमानी एक ही रंग से दीवारें रंगी दिखती थीं लेकिन अब जब ट्रेंड बदल रहा है तो ऐसे में दीवार के रंगों के साथ नए और विभिन्न प्रयोग करने में इंटीरियर डिजाइनर बहुत आगे साबित हो रहे हैं।

इंटीरियर डिजाइनर के मुताबिक पहले लोग किसी भी तरह का प्रयोग अपने घर के इंटीरियर को लेकर करने में हिचकिचाते थे। पर अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यही वजह है कि अब लोग घर को सजाते समय हर छोटी-बड़ी चीज को लेकर प्रयोग करने में नहीं डरते।

इसी के मद्देनजर घर की दीवारों में दो विभिन्न रंग कराने का चलन चल रहा है, यह दो प्रकार से किया जाता है।

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पहला तरीका यह है कि कमरे की मास्टर दीवार यानी बड़ी दीवार पर गाढ़ा रंग किया जाता है और बाकी अन्य तीन दीवारों पर उससे मेल खाता दूसरा रंग।

दूसरा तरीका है कि कमरे की चार दीवारों में से दो दीवारों का रंग एक सा होता है और बाकी दो दीवारों का रंग एक सा। अब यह लोगों के ऊपर निर्भर करता है कि उनकी पसंद कैसी है।

इसी तर्ज पर ऑरेंज-ग्रीन, पिंक-ब्लू, वॉयलेट-गोल्डन आदि रंग लोग घर की दीवारों पर करवाना पसंद करते हैं। इसका फायदा यह है कि इससे कमरों का डाईमेंशन मिलता है और कमरे खुले लगने के कारण बड़े प्रतीत होते हैं।

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