सिंह साहब के बेटे की शादी की रिसेप्शन पार्टी थी। ऊँचे सरकारी ओहदे के अफसर सिंह साहब ऑफिस में हर काम समय पर और पूरे परफैक्शन से करने-करवाने के लिए जाने जाते हैं। बारात चूँकि दिल्ली से मुंबई गई थी जिसमें सिर्फ उनके घर के लोग ही शामिल थे। सो, उन्होंने इसी पार्टी में अपने सभी दोस्तों, नातेदारों और जान-पहचान वालों को बुलाया था।
उनके मिजाज से परिचित सभी लोग तय वक्त यानी शाम के 7 बजते-बजते वहाँ पहुँच भी गए थे। पर यह क्या? अभी तो बैंक्वेट हॉल में कुर्सियाँ रखी जा रही थीं। बाहर लॉन में जहाँ खाने का इंतजाम किया गया था, वहाँ टेबल तक नहीं लगे थे और घर वालों का कहीं अता-पता नहीं था।
आखिर जब साढ़े आठ बजे खुद सिंह साहब परिवार सहित वहाँ पहुँचे तब कहीं जाकर स्नैक्स, ड्रिंक्स, डीजे वगैरह चालू हो सके। मगर तब तक सिंह साहब की शान में जो बट्टा लगना था वह लग चुका था।
ऐसा कोई अनुभव कभी न कभी आपके साथ भी किसी न किसी पार्टी में जरूर पेश आया होगा। पर अगर कुछ छोटी-छोटी बातों पर गौर कर लिया जाए तो ऐसी नौबत ही न आने पाए...
1. अगर आपने पार्टी का समय 7 बजे रखा है तो अपने डेकोरेटर, केटरिंग वाले को कहें कि वे 7 बजे से पहले ही सब रेडी रखें।
2. आपके घर का फंक्शन है। सो, जाहिर है कि आप ज्यादा व्यस्त होंगे। ऐसे में किसी भरोसेमंद करीबी पर यह जिम्मेदारी डाल दें कि वह सारे इंतजाम समय से पहले और सही ढंग से करवाए।
3. पार्टी का समय होने से पहले वेटरों को बुलाकर समझाएँ कि वे स्नैक्स, ड्रिंक्स आदि को हॉल-पंडाल में हर जगह, हर किसी के पास लेकर जाएँ। यह न हो कि आगे की कुर्सियों पर बैठे लोग तो मजे लेकर खाते-पीते रहें और दूर बैठे मेहमान मुंह ताकते रहें।
4. डेकोरेशन वाले या घर के किसी आदमी को कह कर समय से पहले पूरे पंडाल, हॉल में किसी सोंधी खुशबू वाले फ्रेशनर का छिड़काव माहौल को खुशनुमा बनाएगा।
5. अगर पनीर टिक्का, तंदूरी चाट जैसे आइटम रखे गए हैं तो बार-बे-क्यू वाले से कहें कि वह पहले ही तैयारी करके बैठे क्योंकि ऐसे आइटम बनते देर में हैं मगर इनकी माँग ज्यादा रहती है।