फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन

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बोगनविलिया
जो बिना पानी के खूब फूल देता है। इसे आप गमले में भी लगा सकते हैं। चाहे मंडप बनाएं या फिर मेहराब के रूप में। इसमें शुभ्रा (श्वेत), मेरी पामर (दो रंगा मेजंटा व श्वेत), लेडी बेरिंग (गहरा पीला), थीमा (फूल मेरी पामर जैसे परंतु हरे पत्तों पर पीली आकर्षक धारियां), गोपाल (लाल फूल परंतु पत्ते श्वेत), पार्थ, बेगम सिकंदर (गहरा जामुनी), चेरी ब्लॉजम (दो रंग, दोहरी गुंथी पंखुड़ी वाले फूल) अनेक आकर्षक रंगों वाली किस्मों में से किसी को भी कुछ चुन सकते हैं।

सकुलेंट
इस प्रजाति के पौधे भी कम पानी में चलते हैं, परंतु मई-जून की तीखी गर्मी से इन्हें बचाना जरूरी होता है। केवल सुबह की धूप ही ये सह सकते हैं। इन्हें गमलों में ही लगाएँ। सदाबहार पौधे जैसे फर्न, यूनेनिमस, क्रोटन, अरेलिया, फिलोडेंड्रान, मरान्टा भी खूब अच्छे चलते हैं। इन्हें सुबह की धूप की जरूरत होती है। गमलों में पानी चाहें तो दो दिन में दें, परंतु पत्तों पर छिड़काव शाम के समय रोज करें।

यूफोर्बिया
सुर्ख लाल रंग के फूलों से लदे यूफोर्बिया आकर्षक दिखाई देते हैं। इसे गमले में लगाया जा सकता है। लन्टाना-यह झाड़ीनुमा पौधा है। सुनहरे पीले रंग व लाल सिंदूरी रंग के फूलों वाले इन पौधों को गमले और जमीन दोनों में लगाया जा सकता है। इसे खुली धूप अवश्य दें। इसमें एक फालसई रंग की किस्म भी आती है। तेज धूप वाले स्थान पर जमीन पर इसके बेलनुमा पौधे दूर-दूर तक फैल जाते हैं।

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