फेस्टिवल सीजन ने बढ़ाई बाजार की रौनक

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दीपावली यानि दीयों का त्योहार। बिजली के चाहे कितने ही झालर लगा लें दीयों के बिना दिवाली अधूरी है। तभी तो दीपावली को इतने दिन शेष होने के बावजूद दीपकों का बाजार अभी से लग गया है।

शहर के विभिन्न इलाकों में दीपावली मार्केट की चहल-पहल दिखाई देने लगी है। मार्केट में टेराकोटा, स्टील और पीतल के दीप सजने लगे हैं। कहीं देसी दीये हैं तो कहीं डिजाइनर दीयों की धूम है।

खुशबू के साथ रोशनी
वह दिन लद गए जब लोग महज साधारण सी दिखने वाली कैंडल या दीये जलाकर दीपावली पर्व मनाते थे। अब डिजाइनदार और आकर्षक तरीके से तैयार की गईं कैंडल्स लोगों की पसंद में शामिल हो गई हैं।

रोशनी के इस पर्व को खास तरीके से मनाने और यादगार बनाने के लिए लोग कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। यही वजह है कि अन्य चीजों के साथ ही घर को रोशन करने के लिए महंगी और खुशबूदार कैंडल्स की मांग भी बढ़ने लगी है।

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हालांकि बीते कुछ सालों से हम पारंपरिक कैंडल्स से घरों को सजाते आए हैं,लेकिन बाजार में होने वाले नित नए प्रयोगों ने आज हमें कई विकल्प उपलब्ध करवा दिए हैं।

अब साधारण सी दिखने वाली रेग्युलर कलर्स कैंडल्स की बजाय बाजार में ऐसी कैंडल्स आ गईं हैं जो घर को रोशन तो करेंगी ही, कोने-कोने में खुशबू भी बिखरेंगी।

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दीपावली के इस फेस्टिवल सीजन में बाजार ऐसे आइटम्स से पटा पड़ा है। बाजार पर नजर डालें तो फ्लोटिंग कैंडल, जेल, डिप, चंक्स, फ्रेगरेंस से भरपूर कैंडल, फ्लेवर वाली कैंडल्स की काफी डिमांड है।

100-2000 रुपए की रेंज
किनारियों से सजी-संवरी कैंडल्स पिलर, वोटिव्स और फ्लोटर्स आदि शेप में 100 रुपए से लेकर 800 रुपए तक में मिल रही है। इसमें कुछ ऐसे भी कैंडल्स हैं जो लगभग 80 घंटे तक जलती हैं। वैसे मध्यमवर्ग के लिए 200 रुपए की रेंज तक अच्छी कैंडल्स बाजार में उपलब्ध हैं।

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