बेडरूम का वास्तु कैसा हो

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मुख्य शयन कक्ष जिसमें घर का मुखिया सोता है- नैऋत्य कोण में रहे, तो अत्यंत शुभ होता है।

घर में अविवाहित कन्याओं तथा मेहमानों के लिए शयन कक्ष नार्थ-वेस्ट में होने चाहिए। इस दिशा में शयन कक्ष का आशय है- उनकी जल्द से जल्द घर से विदाई।

पलंग के पीछे मजबूत दीवार होनी चाहिए। पलंग के ठीक सामने दर्पण न हो, ऐसा होने से व्यक्ति अनिद्रा व बेचैनी का अनुभव करता है।

शयन कक्ष में ड्रेसिंग टेबल खिड़की के सामने नहीं रखें। बेडरूम के अन्दर या बाहर कहीं भी बाण अथवा अर्द्धचन्द्राकार फर्नीचर नहीं लगवाएँ। इससे घर के सदस्यों के स्वास्थ्य खराब रहते हैं।

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