उम्र बढ़ने के साथ बाल सफेद होना प्रकृति का नियम है, परंतु जब कम आयु में बाल सफेद होना आरंभ हो जाते हैं तो एक समस्या का रूप धारण कर लेते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसे बालों का विकार भी कह सकते हैं। हालाँकि बाल सफेद होने के कारणों पर अध्ययन लंबे समय से हो रहा है, किंतु इसकी संतोषजनक व्याख्या अभी तक नहीं हो सकी है।
ज्ञात हो हमारे बाल की बाह्य कोशिकाएँ रंगीन पिगमेंट उत्पन्न करती हैं, जिसे मेलेनिन कहते हैं। आयु बढ़ने के साथ इन रंगीन पिगमेंट की मात्रा घटने लगती है। इस कारण कोशिकाओं में वायु का आयतन बढ़ता है, जो पिगमेंट का ऑक्सीकरण कर देता है, जिससे बाल सफेद हो जाते हैं।
बाल सफेद होने के प्रमुख कारण -
असंतुलित भोजन
मानसिक तनाव या चिंता
तीव्र मानसिक झटका
पिगमेंट निर्माण में जन्म से दोष
जल व वायु प्रदूषण
तेज बुखार या संक्रामक रोग जैसे- वायरस, टायफाइड आदि
आनुवांशिकता
तेज गर्म पानी से बालों को धोना
बालों की ठीक प्रकार से सफाई न करना
पुराना जुकाम होना
बालों में डाई व रसायनों का अधिक प्रयोग करना
सफेदी से बचाने के कुछ घरेलू तरीके
आँवले को मेहंदी की पत्तियों के साथ पीसकर उसका पेस्ट बालों में लगाएँ और लगभग एक या डेढ़ घंटे के उपरांत बालों को धो लें।
कढ़ी पत्ता का सेवन भी बालों को सफेदी से बचा सकता है।
ताजे आँवले का रस बालों में लगाना भी अत्यंत उपयोगी है।
सूखे आँवले के चूर्ण का पेस्ट बनाकर उसे बालों में लगाने से भी सफेद बालों की समस्या का समाधान होता है।
बाल यदि शुष्क हों तो नारियल के तेल में मेहंदी को तब तक पकाएँ जब तक तेल आधा न हो जाए। उसको बालों में दो घंटों तक लगा रहने के उपरांत बालों को धो लें।
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शुद्ध सरसों के तेल में कढ़ी पत्ते को अच्छी तरह पकाकर उसको बालों में लगाएँ।
बालों में हिना के प्रयोग से बालों को रंगा भी जा सकता है। वहीं यह बालों को आकर्षक और मजबूत भी बनाता है।
सावधानियाँ
पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
बालों को गर्म पानी से न धोकर ठंडे पानी से धोएँ।
बालों को धोने के लिए अच्छे हर्बल शैम्पू का प्रयोग करें।
चिंता व तनाव से मुक्त रहें।
बालों में डाई व रसायनों का प्रयोग कम करें।
पुराना जुकाम हो तो किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाकर उसका तत्काल उपचार कराएँ।