केपटाउन:दक्षिण अफ्रीका को अगर अपने स्वप्निल अभियान का सकारात्मक अंत करना है तो उसे रविवार को यहां होने वाले महिला टी20 विश्व कप फाइनल में अब तक अजेय रहे आस्ट्रेलिया की कड़ी चुनौती से पार पाने का तरीका ढूंढना होगा।
दक्षिण अफ्रीका ने सेमीफाइनल में अपनी जुझारूपन का बेजोड़ नमूना पेश करके इंग्लैंड को उलटफेर का शिकार बनाया और उसे आस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज करने के लिए इसी तरह के प्रदर्शन की जरूरत पड़ेगी। ऑस्ट्रेलिया को हराना किसी भी तरह से आसान नहीं होगा। वह रिकॉर्ड पांच बार का चैंपियन है और लगातार सातवीं बार फाइनल में पहुंचा है।
दक्षिण अफ्रीका ने पिछले 12 महीनों में अच्छी प्रगति की है। उसकी टीम पिछले साल वनडे विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंची थी और अब उसने आईसीसी की किसी प्रतियोगिता के फाइनल में पहली बार जगह बनाई है।
लौरा वूलफार्ट और ताज़मिन ब्रिट्स के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पास सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी है। ब्रिट्स भाला फेंक में पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन है लेकिन 2012 में कार दुर्घटना के कारण उनका ओलंपिक में खेलने का सपना टूट गया था।
दक्षिण अफ्रीका की यह सलामी जोड़ी अभी शानदार फॉर्म में हैं और अगर उनकी टीम को ऑस्ट्रेलिया को हराना है तो फिर इन दोनों को उसे अच्छी शुरुआत देनी होगी। ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत को रोमांचक मुकाबले में हराकर फाइनल में पहुंची थी।ऑल राउंडर मारिजन कैप अन्य महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं जिन्होंने सेमीफाइनल में अंतिम ओवरों में तेजी से रन बटोरे थे।
कप्तान सुने लुस को लगता है क्यों उनके पास दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण है जिसमें शबनिम इस्माइल और अयाबोंगा खाका के रूप में दो उपयोगी तेज गेंदबाज हैं।
दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में दर्शकों का भी अपार समर्थन मिलेगा लेकिन उसके खिलाड़ियों को किसी तरह से दबाव में आने से बचना होगा।ऑस्ट्रेलिया ने लीग चरण में दक्षिण अफ्रीका को आसानी से हराया था लेकिन खिताबी मुकाबले में वह किसी भी तरह से ढिलाई नहीं बरतना चाहेगा।
महिला क्रिकेट की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया के पास खेल के हर विभाग में दमदार खिलाड़ी हैं। सेमीफाइनल में उसने जिस तरह से भारत के मुंह से जीत छीनी उससे साबित हो गया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी गेंद पड़ने तक भी अपनी जीत तय नहीं माननी चाहिए।जब परिस्थितियां अनुकूल न हों तब भी जीत कैसे दर्ज करनी होती है यह मेग लैनिंग की अगुवाई वाली टीम अच्छी तरह से जानती है।(भाषा)