तिरंगे के बाजार पर चीनी ड्रैगन का कब्जा

खिलौनों के बाजार में पैर जमाने के बाद अब देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता का प्रतीक तिरंगे के बाजार पर भी ड्रैगन कब्जा जमाने लगा है।

दिल्ली के सदर बाजार में झंडों के थोक विक्रेता दीपक ने बताया कि दिल्ली में चीनी तिरंगे तेजी से लोकप्रिय हो रहे है। यहां बिकने वाले झंडों में 20 प्रतिशत चीन से आयात होता है और 80 प्रतिशत भारतीय है।

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दीपक ने बताया कि अधिकतर कार्पोरेट कार्यालय और दूसरे बडे़ संस्थान चीन में बने तिरंगे ही खरीदते है।

एक अन्य थोक दुकानदार गौरव ने बताया कि चीन से आयात होने वाले झंडों में न सिर्फ चीन का कपडा़ इस्तेमाल होता है बल्कि इनकी कटाई और छपाई का काम भी चीन में ही होता है।

साधारण तौर पर लोग इन्हें देश में बने झंडों के मुकाबले ज्यादा पसंद करते हैं। दुनिया के हर देश का झंडा बेचने वाले दीपक का कहना है कि चीनी सूत के कपडे़ पर रंग ज्यादा अच्छी तरह उभरता है और यह ज्याद टिकाऊ भी होता है।

यही कारण है कि 20 प्रतिशत ज्यादा कीमत होने के बावजूद लोग चीनी झंडा खरीदते हैं। (वार्ता)

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