विधि : साफ आँवले लेकर पानी में तीन दिन भीगने दें। इसके बाद उन्हें पानी से निकालकर काँटों से गोद लें और चूना-पानी में घोलकर उसमें आँवले को तीन दिन तक भीगने दें। चौथे दिन साफ पानी से धोकर मिसरी तथा पानी में उन्हें भाप दें। फिर कपड़े पर फैलाकर सुखा लें।
चाशनी बनाकर उसमें आँवले छोड़ दें और पकाएँ। जब आँवले अच्छी तरह गल जाएँ तब उसमें काली मिर्च, केशर और गुजराती इलायची पीसकर मिला दें। बाद में ठंडा करके मर्तबान में भरकर रख दें। ये आँवले गरमी के मौसम में बड़ी ठंडक पहुँचाते हैं, दिलोदिमाग को ताकत देते हैं। यह अत्यन्त ही गुणकारी है। आँवले का मुरब्बा तभी अच्छा बनता है, जब आँवले अच्छी तरह पके हों।