विशेषताएँ और आधुनिक स्वरूप
मराठी भाषा अपनी विशिष्ट ध्वनि संरचना, व्याकरण और शब्दावली के लिए जानी जाती है। इसमें संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश के साथ-साथ फारसी, अरबी और कुछ हद तक पुर्तगाली व अंग्रेजी शब्दों का भी प्रभाव देखा जा सकता है, जो इसके ऐतिहासिक संपर्कों को दर्शाता है। महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में मराठी की कई बोलियाँ प्रचलित हैं, जैसे वऱ्हाडी, अहिराणी, मालवणी, कोल्हापुरी आदि, जो इसकी विविधता को दर्शाती हैं।
आज मराठी महाराष्ट्र राज्य की राजभाषा है और गोवा की सह-राजभाषा भी। यह महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान का एक अभिन्न अंग है। स्कूलों, कॉलेजों, प्रशासन और मीडिया में इसका व्यापक रूप से उपयोग होता है।