Mughal harem stories : मुगल बादशाहों के हरम की 10 ऐसी बातें जिन्हें जानकर रह जाएंगे हैरान

WD Feature Desk

शनिवार, 25 मई 2024 (15:01 IST)
Mughal harem stories
Haram kya hota hai: हरम शाही महिलाओं के रहने का एक अलग स्थान होता था। हरम वह जगह थी जहां पर मुस्लिम बादशाह के लिए हर तरह की औरतों को रखा जाता था। यह उनक बादशाहों की अय्याशी का अड्डा होता था। हरम में ज्यादातर हिंदू महिलाएं होती थीं जिन्हें जबरन लाया गया होता था। आओं जानते हैं मुगलों के हरम की 10 हैरान कर देने वाल बातें।
 
1. अपनी किताब अकबरनामा में अबुल फजल ने लिखा कि भारत में हरम बनाने की शुरुआत बादशाह बाबर ने की थी, लेकिन इसको मुकम्मल रूप सही मायनों में बादशाह अकबर ने दिया था। कहते हैं कि अकबर के हरम में करीब 5000 औरतें हुआ करती थीं।
ALSO READ: क्या मुगलों का संपूर्ण भारत पर राज था और क्या अंग्रेजों ने मुगलों से सत्ता छीनी थी?
2. हरम में बादशाह के अलावा किसी अन्य पुरुष को आने की इजाजत नहीं होती थी। हरम की औरतों पर हिफाजत करने और इन पर निगाह रखने के लिए बादशाह किन्नर को नियुक्त करते थे। इसका एक कारण यह भी था कि इन महिलाओं की पवित्रता पर कोई शक न करें। 
 
3. हरम में बादशाह की बेगमें भी हुआ करती थीं और खिदमत करने वाली अन्य कई औरतें भी। जबरन निकाह की गई औरतों के अलावा दासियां भी होती थीं। राजनीतिक समझौते के तहत लाई गई औरतें भी हुआ करती थीं। हरम के अन्दर न केवल शंहशाह की बेगम बल्कि शहंशाह की सभी महिला रिश्तेदार रहती थीं। मुगल इतिहास के अनुसार मुगल बादशाहों ने कई हिन्दू महिलाओं से विवाह यानी निकाह किया था और उन्हें अपने हरम में रखा था। जैसे हरखा बाई, हीर कुंवर, जगत गोसाई आदि कई मुगलों की बेगम बनकर हरम में रहती थीं।
 
4. हरम में बेगमें और उनकी दासियां बादशाह की सेवा और मनोरंजन का कार्य करती थीं। वह बादशाह के राजकार्य में भी सहयोग करती थीं और वक्त पड़ने पर जान देने के लिए भी उन्हें तैयार रहना पड़ता था। 
ALSO READ: मुगल ए आजम के निर्माण में के. आसिफ को करना पड़ा था काफी दिक्कतों का सामना, 10 साल में बनी थी फिल्म
5. हरम में महिलाओं में सुंदरता और शक्ति की प्रतियोगिता के चलते राजनीति भी होती थीं। जो औरतें अपना वजूद कायम नहीं कर पाती थीं उन्हें अन्य बेगमों की सेवा में ही समय बिताना होता था या उन्हें हाशिये में धकेल दिया जाता था। यानी यहां पर आंतरिक राजनीति कूटनीति चलती रहती थी। इस हरम में उस बेगम की सबसे ज्यादा चलती थी जो बादशाह के सबसे करीब हुआ करती थी। 
 
6. इतिहास में हरम का सबसे पहला जिक्र 1299 में का मिलता है, जबकि ओटोमन साम्राज्य की स्थापना हुई थी। उस्मान गाजी इसका पहला शासक था। तुर्की इस साम्राज्य का एक था। इस साम्राज्य को उस्मानी साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ओटोमन साम्राज्य की स्थापना के साथ ही हरम की शुरुआत हुई थी। उस वक्त सुल्तान की ताकत और साम्राज्य के वैभव का अंदाजा उसके हरम से ही लगाते थे।
 
7. भारत के मुगल बाबर, अकबर और उनके सभी वंशज तुर्क थे। यानी वे तुर्क के रहने वाले थे। हरम का यह प्रचलन उन्होंने भारत में भी शुरू किया था। 
 
8. ओटोमन साम्राज्य पर आधारित एक वेब सीरीज 'मैग्नीफिसेंट सेंचुरी' के अनुसार ओटोमन साम्राज्य के हरम में हर औरत की एक रैंक होती थी। जैसे सुल्तान की मां के लिए वालिदा सुल्तान और पत्नी को कादीन नामक रैंक प्राप्त थी। सुल्तान की पसंदीदा दासी को गोजदे और सुल्तान जिस पर हाथ रख देता था उसे इकबाल रैंक दी जाती थी।
ALSO READ: गुरु नानक जयंती पर बोले योगी, सिख आज पूरी दुनिया में छाए और मुगलों का कहीं अता-पता नहीं
9. हरम में जब कोई महिला बीमार होती थीं तो जब भी किसी चिकित्सक को हरम की किसी महिला को देखने के लिए बुलाया जाता था तो उस समय किन्नर उनका सिर ढक देते थे। ताकि बाहर से आने वाले अंदर का माहौल नहीं देख सके।
 
10. इतालवी चिकित्सक मनूची द्वारा लिखी किताब 'मुगल इंडिया' में हरम की महिलाओं के बारे में कई किस्से लिखे हैं। कई महिलाएं जानबूझकर बीमार हो जाती थी ताकि उन्हें देखने को लिए कोई पुरुष आए और वे उन्हें छू सके। हरम में ऐसी कई महिलाएं होती थीं जो बहुत ही बेबस थीं। वे खुद को गुलाम समझती थीं और जैसे तैसे बस जिंदगी काट रही थीं।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी